जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
संकट से more info मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब more info होई ।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ ।
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।